Thursday, 21 December 2023

Heart Attack : 3 तरह के होते हैं हार्ट अटैक, Dr ने बताया अगर समझ गए ये 5 लक्षण तो बच जाएगी जान

 




हार्ट अटैक, जिसे मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन भी कहते हैं, एक गंभीर आपात स्थिति है, जिसका तुरंत इलाज किया जाना जरूरी है। आम धारणा यह होती है कि हार्ट अटैक में छाती में अचानक से तेज दर्द उठता है, लेकिन यह जानना भी आवश्यक है कि हार्ट अटैक अलग-अलग तरह के हो सकते हैं, जिनके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं।

एसटी-सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (स्टेमी)



स्टेमी सबसे गंभीर और जानलेवा हार्ट अटैक होता है। इसमें कोरोनरी आर्टरी पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है। यह ब्लॉकेज आम तौर से खून का थक्का जम जाने के कारण होता है। इसके लिए तुरंत मेडिकल इलाज, जैसे एंजियोप्लास्टी या क्लॉट डिज़ॉल्विंग दवाईयाँ देने की जरूरत पड़ती है, ताकि हृदय में खून का बहाव फिर से शुरू हो और हृदय को होने वाली क्षति कम से कम हो।

नॉन-एसटी सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एनस्टेमी)



एनस्टेमी कम गंभीर हार्ट अटैक है। इसमें एक या ज्यादा कोरोनरी आर्टरीज़ में आंशिक रूप से ब्लॉकेज हो जाता है। इस ब्लॉकेज से खून का बहाव पूरी तरह से नहीं रुकता है, लेकिन फिर भी हृदय की पेशियों को नुकसान पहुंच सकता है। एनस्टेमी के इलाज में दवाईयाँ, जीवनशैली के परिवर्तन और कभी-कभी ब्लॉक हो चुकी आर्टरी को खोलने के लिए इन्वेज़िव प्रक्रियाओं की जरूरत होती है।


कोरोनरी आर्टरी स्पैज्म



कभी-कभी कोरोनरी आर्टरीज में अचानक खिंचाव या ऐंठन के कारण हृदय को कम खून मिल पाता है, और हार्ट अटैक पड़ सकता है। इस तरह के हार्ट अटैक को कोरोनरी आर्टरी स्पैज्म या वैरिएंट एंजिना कहते हैं। स्पैज्म से राहत देने और हार्ट अटैक को रोकने के लिए आम तौर से खून की नलियों को आराम देने वाली और चौड़ा करने वाली दवाईयाँ दी जाती हैं।



हार्ट अटैक आने पर क्या करें

हार्ट अटैक पड़ने पर तुरंत मेडिकल सहायता से जान बचाई जा सकती है, इसलिए विभिन्न तरह के हार्ट अटैक और उनके लक्षणों को हर किसी को जानना जरूरी है। यदि हार्ट अटैक का कोई भी लक्षण जैसे छाती में दर्द या बेचैनी, सांस फूलना, कलाइयों, जबड़े या पीठ में दर्द महसूस हो, तो फौरन मेडिकल परामर्श लें।


हार्ट अटैक की संभावना बढ़ाने वाले जोखिम

हार्ट अटैक की संभावना अनेक जोखिमों से बढ़ सकती है। इनमें से कुछ मोटापा, धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और डायबिटीज़ हैं। इन समस्याओं से आर्टरीज़ और खून की नलियों को नुकसान हो सकता है। इनमें प्लाक जमने पर नलियाँ संकरी हो सकती हैं, और हृदय को खून की आपूर्ति रुक सकती है।

  • इसका दूसरा मुख्य कारण परिवार में हृदय रोग का इतिहास है। यदि किसी निकट संबंधी को हार्ट अटैक पड़ चुका है या उसे हृदय का कोई रोग है, तो परिवार के अन्य लोगों को भी हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।
  • 45 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों और 55 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को हार्ट अटैक का जोखिम ज्यादा होता है। लेकिन यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हार्ट अटैक महिला और पुरुषों को किसी भी उम्र में पड़ सकता है।
  • खराब जीवनशैली जैसे अस्वस्थ आहार, व्यायाम न करने, अत्यधिक शराब का सेवन से भी हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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