बैतूल । मुल्ताई नगरपालिका अध्यक्ष को लेकर एक बार फिर संशय बरकरार है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने के बाद वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष नीतू परमार की कुर्सी खतरे में पड़ते दिखाई दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष और पार्षद वर्षा गढ़ेकर के पक्ष में स्थगन दिया है। इस आदेश की हार्ड कापी भले जिला प्रशासन के पास नहीं पहुंची है, लेकिन कलेक्टर ने आदेश की प्रति के बाद राज्य शासन से इस मामले मेंं आगे निर्णय लेने की सलाह मांगी है। गेंद अब पूरी तरह राज्य शासन के पाले में है। यदि चुनाव की नौबात आई तो प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यदि प्रशासक नियुक्त किया जाता है तो शाम तक स्थिति स्पष्ट होने की संभावना दिखाई दे रही है। उधर मुलताई में भी नगरपालिका अध्यक्ष को लेकर काफी गहमागहमी मची है।मुलताई नगरपालिका अध्यक्ष को लेकर लंबे समय से गतिरोध बरकरार है। इस मामले में सबसे पहले मुलताई के प्रथम अपर न्यायाधीश द्वारा 13 जून को नपा अध्यक्ष नीतू परमार का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया था। न्यायालय के आदेश के बाद श्रीमती परमार द्वारा जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दर्ज की गई। कांग्रेस में शामिल हो चुकी नीतू परमार और पार्षद वंदना साहू की याचिका पर कुछ समय बाद स्थगन आदेश मिल गया। इसके पहले ही राज्य शासन ने वर्षा गढ़ेकर को अध्यक्ष बना दिया था, लेकिन नीतू परमार के पक्ष में हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद पुन नीतू परमार को कुर्सी संभालने का मौका मिल गया। तब से वे अध्यक्ष है।
पार्षद गढ़ेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची
उच्च न्यायालय से नगर पालिका अध्यक्ष के पक्ष में फैसला आने के बाद पार्षद वर्षा गढ़ेकर ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया था। सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों इस मामले में सुनवाई के बाद वर्षा गढ़ेकर को स्थगन दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 8 दिसंबर को नगरपालिका अध्यक्ष नीतू परमार को नोटिस भी भेजा गया था, लेकिन उनके द्वारा नोटिस लेने से इंकार किए जाने के बाद 5 जनवरी तक मामले में निर्णय लेने के लिए कहा गया था। हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वर्षा गढ़ेकर को राहत देते हुए स्थगन दे दिया।
कुर्सी जाएंगे या बचेगी, सभी को इंतजार
इस मामले में कलेक्टर ने दो दिन पहले राज्य शासन को पत्र लिखकर अभिमत मांगा है। कलेक्टर ने राज्य को सुप्रीम कोर्ट के संपूर्ण आदेश के बाद पत्राचार कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया है। अब राज्य शासन को मामले में अगला निर्णय लेना है कि क्या करना है। मुलताई नगरपालिका अध्यक्ष को लेकर चुनाव होती है तो तीस दिन की अवधि में प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यदि राज्य शासन इसके पहले प्रशासक भी नियुक्त कर सकता है। यदि ऐसा हुआ तो वर्षा गढ़ेकर को दोबारा अंतरिम अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसके अलावा चुनाव की बात आती है तो तीस दिन में यह निर्णय भी हो सकता है। शाम तक इस मामले में निर्णय लिए जाने की संभावना दिखाई दे रही है। वैसे गढ़ेकर को अध्यक्ष बनाकर चुनावी प्रक्रिया शुरू करने की संभावना दिखाई दे रही है।
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